मैंने एक बच्चे से पूछा -
'तुम्हें कौनसा मौसम अच्छा लगता है?'
उसने कहा - जाड़े का मौसम'
मैंने जान लिया -
बालक किसी धनवान की संतान है।
उसके पास पहनने को
कपड़े हैं, स्वेटर हैं, कोट है।
जरूर किसी अमीर घर की जोत है।
मैंने एक दूसरे बालक से पूछा -
तुम्हें कौनसा मौसम अच्छा लगता है?'
उसने कहा - बरसात का'
मैं जान गया यह बालक
किसी मध्यम वर्ग के घर का है।
इसके पास रहने को घर है।
घर पर एक छत है।
ये खुले आकाश के नीचे नहीं रहता।
बरसात में कभी-कभी
स्कूल की छुट्रटी करता होगा।
माँ बाप की आशाएं होंगी इसके साथ,
साथ ही डर भी - कहीं रपट न जाये
तरक्की की सीढ़ी से फिसल न जाये।
फिर मैंने एक तीसरे बालक से पूछा -
तुम्हें कौनसा मौसम अच्छा लगता है?'
उसने कहा - गर्मी का'
मैं जान गया वह खुले में रहता होगा।
जमीन पर या फुटपाथ पर सोता होगा।
बारिश में भीगता होगा
ठंड में ठिठुरता होगा।
इसीलिये जाड़े और बरसात को नहीं चाहता।
मैं समझ गया
किसी गरीब घर का बालक है।
मेरे साथ अक्सर ये होता है।
मैं साधारण प्रश्न कर, जान लेता हूँ
आदमी का, उसके घर परिवार का
पता लगा लेता हूँ वहाँ क्या होता है
जान लेता हूँ किसमें, कहाँ, कितना टोटा है।
जब भी मेरे साथ यह होता है
लोग मुझे कहते हैं-
यह शरलक होल्मस का पोता है।
लोग मुझे कहते हैं-
यह शरलक होल्मस का पोता है।
(1) इंगलैंड के, जासूसी कहानियों के जगत प्रसिद्ध कहानीकार, सर आर्थर कानन डॅायल द्वारा रचित उनकी लिखी गयी जासूसी कहानियों का जगत विख्यात नायक।
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