गुरुवार, 6 नवंबर 2014

लोग मिलते हैं गुज़र जाते हैं
हम उनकी यादों में सिहर जाते हैं
इसलिए बंद कर दी यादों की क़िताब
फिर भी कुछ वरक़ बिखर जाते हैं
                            -नरेश वैद

कुछ लोग हैं जो मिलते हैं और गुज़र जाते हैं
पर हमेशा के लिये यादों में बसे रह जाते हैं

उनकी तारीफ करें हम जितनी, चाहे जितनी
अल्फाज़ हमेशा ही मगर कुछ कम रह जाते हैं
                                                 - हर्ष कुमार