सोमवार, 13 अगस्त 2018

नहीं घटेगा बढ़ जायेगा

नहीं अगर मैं कुछ बोलूँ -
क्या घटता है मन में मेरे।
कैसे जानेगा कोई
क्या घटता है मन में मेरे ?

सच अगर नहीं बोलूँ - 
क्या घटता है मन में मेरे।
फिर कैसे जानेगा कोई
क्या घटता है मन में मेरे ?

सच तो यह है
जो घटता है मन में मेरे
थोड़ा आगे या पीछे
वैसा ही कुछ 
घटता है मन में तेरे।

अलग- अलग जब रहते हैं
नहीं पता मुझको चलता है
क्या घटता है मन में तेरे
तुझको भी कहां पता पड़ता है
क्या घटता है मन में मेरे

मुझको लगता है अच्छ हो 
हम जब मिल सब बैठैंगे
मिलजुल कर फिर सीखेंगे
तू मुझको बोले मैं तुझको बोलूं
मैं तुझसे सीखूं, तू मुझसे सीखे
अनुभव से अनुभव जुड़ जायेगा
नहीं घटेगा बढ़ जायेगा।

अनुभव से अनुभव जुड़ जायेगा
फिर नहीं घटेगा बढ़ जायेगा।


आदरणीय लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ताई ने अध्यक्षीय शोध कदम (अशोक - एस आर आई) की तीसरी वर्षगांठ पर जो कहा उसको लिखने की एक कोशिश