मंगलवार, 19 फ़रवरी 2008

फौजी बाप

मैं मिला हूं
एक बूढ़े आदमी से।
उसने अपने बड़े लड़के को
फौज में भेजा था
जब वह लड़ाई में शहीद हो गया
तब दूसरे को फौज में भेज दिया था।

मैं अचम्भे में-कैसा आदमी है?
पूछ बैठा-यह आपने क्या किया?
पहला लड़का काम आ गया
तो दूसरे को झोंक दिया?
अगर इसको कुछ हुआ
भविष्य में आपको कौन देखेगा?
पितरों का तर्पण अर्पण कौन करेगा?

उसने मुझे देखा, बहुत प्यार से कहा-
मैंने एक को युद्ध में भेजा था
वो शहीद हो गया
उसकी जगह खाली हो गई
तो दूसरे को भेज दिया
भाई का अधूरा काम पूरा करेगा
दुश्मन को मार भगाएगा
देश की रक्षा करेगा
हम सब चैन से रहेंगे।

अगर कोई भी बाप अपने बेटे को
फौज में नहीं भेजेगा
दुश्मन हावी हो जाएगा
कोई भी बाप जिन्दा नहीं बचेगा।
सोचा बहू-बेटियों का क्या होगा?
मुझे भविष्य की चिन्ता है
इसलिए ही मैंने बेटे को फौज में भेजा है।

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