मैं सोचता था -
ये कौन है?
क्या रिश्ता है?
कहाँ से है वो?
कब तक रहेगी
मेरे मन पर छाई
वो एक मालकिन
पूरी तरह जकड़े
मुझे, मेरी सोच
मेरे विचार, मन पर
अधिपत्य जमाये
न, न यह वो बात नहीं
आज है और कल नहीं
ये रिश्ता नहीं, संबंध है
सदियों से चला आ रहा
अनुपम अटूट संबंध
यह अलग नहीं है
मेरा ही स्वरूप है
मेरा ही बिम्ब है
मेरा सर्वांग है
जन्मों से साथ है मेरे
रहेगी जन्मों तक
मेरे साथ, हरदम
ये दूर कब है
मेरी आस में हैं
मेरी साँस में है
और रहेगी हरदम
मेरी आस में
मेरी साँस में
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