बुधवार, 13 मार्च 2019

ये कैसी प्यास है मुझे

तुम कहीं दूर नहीं
मेरे पास हो
हर पल मेरे साथ हो

मैं भूला नहीं हूं
क्या कहा था,
कब कहा था,
क्यों कहा था 
किस अंदाज़ में कहा था
कैसे कहा था
हर एक बात याद है
पूरी तरह याद है

कुछ भी भूला नहीं हूं
तुम्हारे साथ गुज़रे
हर लम्हे का अहसास है
कहां छुआ था याद है
हर स्पर्श का आभास है
सब कुछ एकदम ताज़ा है
कल ही हुआ हो जैसे

मैं बहुत खुश हूं
पूरी तरह संतुष्ट हूं
पर एक प्यास है मुझे
ये कैसी प्यास है मुझे

1 टिप्पणी:

manisha kesan ने कहा…

आपकी लिखी कविता के भावार्थ में बहुत गहराई होती है आप इसी प्रकार हमेशा लिखते रहिये!

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