सोमवार, 7 जनवरी 2019

हक़ीक़त के अफ़साने

आपकी फ़ितरत ही कुछ ऐसी है, 
कि आप चाहे भी जहाँ होंगे। 
हक़ीक़त में जो किया था आपने,
वो सब अफ़सानों में बयां होंगे

दत्ता सर को समर्पित। 


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