दर्द मिन्नत कशे दवा हो गया
कैंसर हुआ था दवा हो गया
दर्द हो तो मुकम्मल इलाज भी होना चाहिये
हर एक दर्द हद से गुजर कर दवा नहीं होता
ऊपर के दोनों मिर्ज़ा ग़लिब से माफ़ी माफ़ी मांग कर
कैंसर जब भी आयेगा साथ दर्द भी लायेगा
प्यार से सहलाओगे तो दूर भाग वो जायेगा.
कैंसर का दर्द है तो क्या हुआ
प्यार से सहलाया तो हवा हुआ
कैंसर हुआ था दवा हो गया
दर्द हो तो मुकम्मल इलाज भी होना चाहिये
हर एक दर्द हद से गुजर कर दवा नहीं होता
कैंसर जब भी आयेगा साथ दर्द भी लायेगा
प्यार से सहलाओगे तो दूर भाग वो जायेगा.
कैंसर का दर्द है तो क्या हुआ
प्यार से सहलाया तो हवा हुआ
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