कौन कहता है
घोड़े की घास से यारी नहीं होती
यारी होती है
बहुत यारी होती है
घोड़ा बहुत चाहता है उसे
वो घास को बहुत प्यार करता है
सोचता है उसके चारों तरफ घास हो
उसके पास ही रहना चाहता है
उसका गुज़ारा नहीं चलता उसके बिना
सुबह शाम चबाता है उसे
बस यही सोचता है
उसे मिला ले अपने में
विलीन कर ले अपने अंदर
एक हो जाये
दो आत्मा एक शरीर
बहुत प्यार करता है उसे
घोड़े की बहुत यारी है घास से
घोड़ा बहुत चाहता है उसे
घोड़े की घास से यारी नहीं होती
यारी होती है
बहुत यारी होती है
घोड़ा बहुत चाहता है उसे
वो घास को बहुत प्यार करता है
सोचता है उसके चारों तरफ घास हो
उसके पास ही रहना चाहता है
उसका गुज़ारा नहीं चलता उसके बिना
सुबह शाम चबाता है उसे
बस यही सोचता है
उसे मिला ले अपने में
विलीन कर ले अपने अंदर
एक हो जाये
दो आत्मा एक शरीर
बहुत प्यार करता है उसे
घोड़े की बहुत यारी है घास से
घोड़ा बहुत चाहता है उसे
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