गुरुवार, 2 जनवरी 2025

सर्दी में सूरज

 सर्दी में सूरज


सर्दी का मौसम है आया

देखो मुश्किल कितनी लाया

घना कोहरा है सब ओर

घुस कर बैठ गया है चोर


चलो हम एक प्रश्न उठायें

सूरज को कटघरे में लायें

सूर्य देव अब हाजिर हों 

शपथ लेकर हमें बतायें


रोज़ सवेरे काम तुम्हारा 

नभ में चमको जगमग कर दो

नयी ऊर्जा सब में भर दो

ठंडी आई तुम कम दिखते हो

बोलो तुम क्या दिक़्क़त आई

क्या जाड़ा तुमको भी लगता है?


बोला सूरज —

सन-सन करती हवा है चलती

मैं भी जाड़े से मरता हूँ

चंदा को तो दिया है तुमने

मुझको भी तुम लाकर दे दो

छोटा-मोटा जैसा भी हो

मुझको एक छिंगोला दे दो 

ऊन का एक छिंगोला दे दो

मोटा एक छिंगोला दे दो

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