सर्दी में सूरज
सर्दी का मौसम है आया
देखो मुश्किल कितनी लाया
घना कोहरा है सब ओर
घुस कर बैठ गया है चोर
चलो हम एक प्रश्न उठायें
सूरज को कटघरे में लायें
सूर्य देव अब हाजिर हों
शपथ लेकर हमें बतायें
रोज़ सवेरे काम तुम्हारा
नभ में चमको जगमग कर दो
नयी ऊर्जा सब में भर दो
ठंडी आई तुम कम दिखते हो
बोलो तुम क्या दिक़्क़त आई
क्या जाड़ा तुमको भी लगता है?
बोला सूरज —
सन-सन करती हवा है चलती
मैं भी जाड़े से मरता हूँ
चंदा को तो दिया है तुमने
मुझको भी तुम लाकर दे दो
छोटा-मोटा जैसा भी हो
मुझको एक छिंगोला दे दो
ऊन का एक छिंगोला दे दो
मोटा एक छिंगोला दे दो
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