तुम प्रश्न करते हो
बार-बार करते हो
वो एक प्रश्न
जिसका उत्तर नहीं देना
तुम नहीं जानते
उस प्रश्न का उत्तर?
एक दम साफ़ है
बस देना नहीं है
तुम सुन नहीं पाओगे
समझ में नहीं आयेगा
सच नहीं मानोगे उसे
स्वीकार नहीं होगा तुम्हें
रूठ जाओगे तुम
चले जाओगे दूर कहीं
एकदम अकेला छोड़ कर
न लौटने के लिये कभी
कितना मीठ भ्रम है
यहाँ हाँ तो नहीं है
कहीं न भी नहीं है
ज़िन्दगी हंसीन है
तुम प्रश्न पूछते रहो
मैं उत्तर बताऊँ नहीं
तुम बस सोचते रहो
मैं समझ आऊँ नहीं
भ्रम ये मीठ बना ही रहे
तुम पूछा करो, मैं बताऊँ नहीं
है हाँ भी नहीं, और न भी नहीं
तुम पूछा करो, मैं बताऊँ नहीं
मैं बताऊँ नहीं, मैं बताऊँ नहीं
मैं बताऊँ नहीं, मैं बताऊँ नहीं
2 टिप्पणियां:
अक्सर लोग उत्तर अपनी अपेक्षों के अनुरूप सुनना चाहते हैं।
uttamam! :-)
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