शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

मेरे बच्चे

तुम्हारा जन्म याद है मुझे
बड़ी धूम से मिठाई बाँटी थी मैंने
बचपन से देखा है तुम्हें
देखते ही देखते तुम बड़े हो गए
तुम्हारे अंदर का वह बालक
बड़ा आदमी बन गया
पर न जाने कहाँ खो गया

जब भी तुम कहते हो
कोई बात कड़वी झुँझला कर
सुन लेता हूँ चुप रहता हूँ
जब तुम करते हो कुछ
अभद्र, असहनीय व्यवहार
सह लेता हूँ चुप रहता हूँ
मैं तुमसे प्यार करता हूँ

भगवान से प्रार्थना करता हूँ
मैं तुमसे हार जाऊँ
तुम्हारे बच्चे मेरे बच्चों से अच्छे हों
तुम्हें ये दिन न देखने पड़ें
मैं तुम्हें बचपन से जानता हूँ
तुम सह नहीं पाओगे
ग़म से मर जाओगे
इसलिए मैं चाहता हूँ
मैं तुमसे हार जाऊँ
मेरे बच्चे ! मैं तुमसे हार जाऊँ।

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