कलियुग में
गान्धारी को महाभारत का
आँखों देखा हाल
सुनाने का कार्य
संजय और उसके साथियों ने लिया।
परन्तु यह कार्य
उन्होंने सच्चाई और कुशलता से नहीं किया,
या फिर
गॉन्धारी ने
अपने आँखों की पट्टी से
अपने कानों को भी बन्द कर लिया था।
वह अपने पुत्र को,
लौह पुरुष बनाने के लिये
नग्न हो , अपने सम्मुख आने को न कह सकी।
वह मिट्टी का पुतला
बेचारा बाढ़ में बह गया।
गान्धारी को महाभारत का
आँखों देखा हाल
सुनाने का कार्य
संजय और उसके साथियों ने लिया।
परन्तु यह कार्य
उन्होंने सच्चाई और कुशलता से नहीं किया,
या फिर
गॉन्धारी ने
अपने आँखों की पट्टी से
अपने कानों को भी बन्द कर लिया था।
वह अपने पुत्र को,
लौह पुरुष बनाने के लिये
नग्न हो , अपने सम्मुख आने को न कह सकी।
वह मिट्टी का पुतला
बेचारा बाढ़ में बह गया।
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