यह मेरी कविताओं का छोटा संग्रह है। अपने विचार जरूर व्यक्त करें मुझे प्रसन्नता होगी।
सच है फिर भी लगता है कोई साया हो।
1 टिप्पणी:
सच है फिर भी लगता है कोई साया हो।
एक टिप्पणी भेजें