क्यों डौली को तूने दूर किया
क्या भूल हुई कुछ हमसे थी
वो भोली गुड़िया छोटी थी
हम सब को कितनी प्यारी थी
लगता है तुझको भी प्यारी थी
उसको तू मिस करता था
दूर नहीं रह पाया उससे
वापस जल्दी बुला लिया
कैसे कुछ बोलूं
क्या अब बोलूं तुझको मैं
अहसान रहा तेरा हम पर
कुछ दिन जो उसको साथ किया
पास में तेरे है अब वो
तू खुश है वो खुश है
हम जैसे भी हो कर लेंगे
यादें उसकी रख लेंगे
धीरज मन में धर लेंगे
धीरज मन में धर लेंगे
साथ में तेरे है अब वो
पास में तेरे है अब वो
1 टिप्पणी:
What a senstive portrayal of the feelings!
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