क्यों पूछा तुमने मुझसे –
क्या प्यार मुझे है तुमसे?
उठते – बैठते छवि तुम्हारी
आखों में रहती है मेरे
तुम मेरी सांसों में हो
मेरे प्राणों में बसती हो
नहीं पता क्या तुमको ?
कितना प्यार मुझे है तुमसे?
फिर मुझसे क्यों पूछा तुमने –
क्या प्यार मुझे है तुमसे?
3 टिप्पणियां:
अजीब मानस्किता रहती है होगी पूछने से लगता होगा कि अपने अन्दर छिपा डर शायद लुप्त हो जाएगा । जो देने से डरते हैं वही प्राय: खोने के डर में जीया करते हैं
मन की चंचलता पूछने को मजबूर कर देती है क्योंकि वो और भी बहुत कुछ चाहती है
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