शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

डौली

छीन लिया क्यों तूने हमसे
क्यों डौली को तूने दूर किया
क्या भूल हुई कुछ हमसे थी
वो भोली गुड़िया छोटी थी
हम सब को कितनी प्यारी थी

लगता है तुझको भी प्यारी थी
उसको तू मिस करता था
दूर नहीं रह पाया उससे
वापस जल्दी बुला लिया

कैसे कुछ बोलूं
क्या अब बोलूं तुझको मैं
अहसान रहा तेरा हम पर
कुछ दिन जो उसको साथ किया
पास में तेरे है अब वो
तू खुश है वो खुश है


हम जैसे भी हो कर लेंगे
यादें उसकी रख लेंगे
धीरज मन में धर लेंगे
 
साथ में तेरे है अब वो
पास में तेरे है अब वो


- डौली के लिये जो अब भगवान के पास है