हर्ष कुमार की कविताएं
यह मेरी कविताओं का छोटा संग्रह है। अपने विचार जरूर व्यक्त करें मुझे प्रसन्नता होगी।
शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2018
धूप में तपिश नहीं तो क्या
धूप में तपिश नहीं तो क्या, उसकी रोशनी से काम ले
जो न मिला उसका क्या गिला, जो है उसको संवार ले
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