जा रहा था मैं अकेला,
रात अपने गाँव को।
मिल गया मुझको अचानक,
एक कुत्ता राह में।
गुर्रा के फिर उसने कहा,
- जाता कहाँ है रुक जरा।
मैं खड़ा हूँ राह में
मुझको तो तू सलाम कर।
अर्ज़ कर आदाब उसको,
मैं था कुछ आगे बढ़ा।
गुर्रा के तब वो हो गया
बीच राह में खड़ा।
प्यार से मैंने कहा
- क्यों? बता क्या हो गया।
बोला - राह मैंने रोक दी है,
मेरे लिये नज़राना तू ला।
प्यार से मैंने कहा
- तू है कुत्ता मैं आदमी
तू जो उलझेगा अगर
एक आदमी अनजान से
तेरी शान होगी, रुतबा बढ़ेगा
धाक तेरी जम जायेगी।
और फिर सब दूर तक
तू कुत्ता बड़ा कहलायेगा।
मैं आदमी हूँ सीधा बहुत,
काम मुझको और भी हैं।
मैं जो उलझूँगा अगर,
सीधा तो तू हो जायेगा
पर काम मेरे जो पड़े हैं,
वो अधूरे रह जायेंगे।
इसलिए मैं बदल दूँगा,
राह अपनी जान कर।
तू खड़ा हो भौंकता रह,
मैं तो चला अब गाँव को।
कुत्ता तो फिर कुत्ता ही था,
वो खड़ा हो भौंकता है।
मैं चला जाता हूँ बचकर,
मंज़िल की जानिब चैन से।
तुम भी अगर कुत्ते को देखो
जो भौंकता हो राह में।
ध्यान में मंज़िल को रखना
राह अपनी बदल देना।
काम तुमको तो और भी होंगे,
कुत्ते से फिर क्यों कर उलझना।
कुत्ता तो फिर कुत्ता ही है,
भौंकता वो ही रहेगा।
जब तलक है जान उसमें,
भौंकता वो ही रहेगा।
जब तलक है जान उसमें,
भौंकता वो ही रहेगा।
रात अपने गाँव को।
मिल गया मुझको अचानक,
एक कुत्ता राह में।
गुर्रा के फिर उसने कहा,
- जाता कहाँ है रुक जरा।
मैं खड़ा हूँ राह में
मुझको तो तू सलाम कर।
अर्ज़ कर आदाब उसको,
मैं था कुछ आगे बढ़ा।
गुर्रा के तब वो हो गया
बीच राह में खड़ा।
प्यार से मैंने कहा
- क्यों? बता क्या हो गया।
बोला - राह मैंने रोक दी है,
मेरे लिये नज़राना तू ला।
प्यार से मैंने कहा
- तू है कुत्ता मैं आदमी
तू जो उलझेगा अगर
एक आदमी अनजान से
तेरी शान होगी, रुतबा बढ़ेगा
धाक तेरी जम जायेगी।
और फिर सब दूर तक
तू कुत्ता बड़ा कहलायेगा।
मैं आदमी हूँ सीधा बहुत,
काम मुझको और भी हैं।
मैं जो उलझूँगा अगर,
सीधा तो तू हो जायेगा
पर काम मेरे जो पड़े हैं,
वो अधूरे रह जायेंगे।
इसलिए मैं बदल दूँगा,
राह अपनी जान कर।
तू खड़ा हो भौंकता रह,
मैं तो चला अब गाँव को।
कुत्ता तो फिर कुत्ता ही था,
वो खड़ा हो भौंकता है।
मैं चला जाता हूँ बचकर,
मंज़िल की जानिब चैन से।
तुम भी अगर कुत्ते को देखो
जो भौंकता हो राह में।
ध्यान में मंज़िल को रखना
राह अपनी बदल देना।
काम तुमको तो और भी होंगे,
कुत्ते से फिर क्यों कर उलझना।
कुत्ता तो फिर कुत्ता ही है,
भौंकता वो ही रहेगा।
जब तलक है जान उसमें,
भौंकता वो ही रहेगा।
जब तलक है जान उसमें,
भौंकता वो ही रहेगा।