हर्ष कुमार की कविताएं
यह मेरी कविताओं का छोटा संग्रह है। अपने विचार जरूर व्यक्त करें मुझे प्रसन्नता होगी।
गुरुवार, 11 जनवरी 2018
हार - जीत?
अपनों
से
जीते
तो
क्या
जीते
?,
अपनों
से
हारे
तो
क्या
हारे
?
नदी
जब
सागर
में
जा
मिले
,
कौन
जीते
और
कौन
हारे
?
विषेश: बहुत दिन से यह विचार रहा है, अब सोचा कि इसे लिख दिया जाये।
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